Tuesday 24 July 2012

" वास्तु ऊर्जा और उसके लाभ "

A HEALFEEL UNIVERSE


 " वास्तु ऊर्जा और उसके लाभ "

वास्तु ऊर्जा से भरपूर घर हो या फ्लेट्स , दूकान हो या ऑफिस , सिनेमा हॉल हो या मॉल , फैक्ट्री हो या कारखाना इत्यादि इन सब पर इतना मधुर , आत्मा को सुहाना लगने वाला , रोम रोम में सकारात्मक वाइब्रेशन , मंत्र मुग्धमयी  वातावरण हो जाता है की वहां पर सब कुछ अच्छा लगता है हाई एनर्जी  का प्रवाह जिसमे सब कुछ त्वरित गति से दिमाग , शरीर और आत्मा में स्पंदन होने लगता है . वास्तु ऊर्जा का सही स्वरुप यही है ।


1) वास्तु ऊर्जा का प्रवाह सही होने पर स्वास्थ्य अच्छा रहता है ।


2) वास्तु ऊर्जा का प्रवाह निरंतर बहते रहने से काम करने में मन लगता है ।


3) वास्तु  दोष न होने पर वो जगह अत्यंत प्रिय , मधुर , और रमणीय लगती है ।


4) वास्तु ऊर्जा का प्रवाह सही होने पर बच्चे पढाई में अच्छे नंबर लेकर आते है तथा उनका मन बाहरी चीजो में नहीं भटकता है ।


5) बेवजह मन का भटकना , मन में अजीब सी बैचनी , धैर्य का अभाव , हीन भावना , जरुरत से ज्यादा से सोचना , अपने आपको गलत समझते रहना इस प्रकार की तकलीफों का भी निवारण वास्तु ऊर्जा से  होता है साथ ही साथ यह बिखरे रिश्तों में मधुरता लाता है ।


6) वास्तुमयी जीवन अँधेरे  से उजाले की ओर लेकर जाता  है ।


7) शांत जीवन बनाने में और  आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर करने में वास्तु ऊर्जा का बहुत बड़ा योगदान रहता है ।


8) कैरिअर से परेशान लोग इस ऊर्जा का लाभ  अच्छे और योग्य वास्तु एक्सपर्ट से सलाह लेकर अपने घर या ऑफिस में वास्तु ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते है ।


9) बिजनेस में अकारण हानि में भी वास्तु ऊर्जा  का लाभ लेकर इस समस्या से निदान पा सकते है ।


10) सही वास्तु ऊर्जा से शादी के विलम्ब  में जिन नवयुवको / नवयुवतियों  को तकलीफ आती हो उस से निदान पा सकते है ।


11) वास्तु ऊर्जा से भरे घर या ऑफिस या कोई स्थान को काफी भाग्यशाली माना जाता है ।


12) वास्तु ऊर्जा हर तरह के विकास में सहायक सिद्ध होती है और इस से जीवन मनोरम , अति उत्तम बन जाता है ।


13) यादशक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ाने में वास्तु ऊर्जा काफी सहायक रहती है ।


14) अच्छे और मनचाहे संजोग पाने के लिए वास्तु ऊर्जा का काफी योगदान रहता है ।


15) वास्तु ऊर्जा एक प्राकृतिक ऊर्जा है इसे समयसर वास्तु ऊर्जा एक्सपर्ट से मिलकर अपने स्थान पर बनाये रखे , इस से जीवन में ताज़गी आती है  शांति , सुखमयी  , समृधि और 
 मंगलमयी वातावरण बनता है ।


A HEALFEEL UNIVERSE





जीवन को समझ कर जीने में और सिर्फ जीने में काफी अंतर है ... जीवन को समझकर जीया जाए तो जीवन स्वर्ग बन जाता है |










Wednesday 18 July 2012

वास्तु ऊर्जा



Mr. Dinesh Kumar - Vaastu Energy Expert , Vaastu Energy Consultant , Vaastu Energy Teacher



















 वास्तु ऊर्जा 

( ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत )












वास्तुशास्त्र  एक प्राचीन विज्ञान है जो सदियों से ससम्मान माना जाता रहा है  वास्तु मूल रूप से 'वस ' से बना है 'वस ' यानी वास करना /निवास करना / रहना ।




  वास्तुशास्त्र भवन स्थापत्य कला का विज्ञान है अथर्ववेद में इसका उल्लेख मिलता है वास्तु शास्त्र  को सही शब्दों में कहे तो इसमें " मनुष्य और प्रकृति " का एक अदभूत संबंध , एक ऐसा सम्बन्ध जो हर सम्बन्ध से ऊपर होता है  । प्रकृति सदियों से हमें यही सिखाते आई है कि अपने आप को मत भूलो, अपने कर्म को मत भूलो और  प्रकृति को मत भूलो . वास्तुशास्त्र को दुसरे शब्दों में " प्रकृति शास्त्र " कहे तो ज्यादा बेहतर होगा , आईये इस तथ्य को सत्य में देखते हैं सबसे पहले पंचतत्वों की बात करें -




भ - भूमि , ग - गगन  , व - वायु , अ - आकाश , अ - अग्नि , न - नीर ( जल )





गौर से इन शब्दों को देखे और जोड़े भ + ग + व + अ + अ  + न = भगवान 






वास्तुशास्त्र में इन  पंचतत्व के महत्व को काफी विस्तृत तरीके से समझाया गया है  वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखे तो ये " पांच तत्व " ऊर्जा के विशाल भंडार है (energy hub ) जिसकी व्याख्या की जाए उतनी कम है ।





A HEALFEEL UNIVERSE , AHMEDABAD , INDIA ये पांच तत्व और मनुष्य के बीच में एक गहरा नाता रहता है जो मूर्त या अमूर्त रूप में उसे ज्ञात रहता है पर बोध नहीं हो पाता , ये पांचो तत्व मनुष्य के निवास स्थान , उसके कार्य स्थान पर , उसके आंतरिक , बाहरी जीवन को विशेष रुप से प्रभावित करते रहते है । इन्ही पंच तत्वों के लाभ ,प्रभाव को समझकर उनको अपनाकर अपने घर की सरंचना (डिजाईन  ) या अपनी ऑफिस की सरंचना (डिजाईन) बनवाएँ, इस से मनुष्य अपने जीवन की दशा को नयी दिशा दे सकता है ।










वास्तु ऊर्जा अबाध गति से तभी बहती है जब उसके नियमो का पालन किया जाए , कुदरत के पास वह सब कुछ है जो हमें जीवन पर्यन्त चाहिए और  वह सब कुछ अति उपयोगी भी हैं पर आज के युग में कृत्रिम साधनों के साथ  लगाव ज्यादा बढ़ता जा रहा है इसी वजह से समस्याएँ भी ज्यादा पैदा हो रही है ,प्राकृतिक ऊर्जा से हमारा सम्बन्ध कटता जा रहा है वास्तु ऊर्जा प्रकृति से हमारा नाता जोड़े रखती है ताकि हम सुखी ,स्वस्थ , वैभव , समृद्ध , खुशहाल जीवन का निर्माण कर सके ।








'वास्तुशास्त्र की अनुपालना से सब लोग अच्छे स्वास्थ्य , सुख और हर तरह की सम्पन्नता को प्राप्त करते है ।
मानव जीवन दिव्यता प्राप्त करता है , साथ ही साथ दिव्य आनंद की अनुभूति प्राप्त करता है । '

- विश्वकर्मा 









हमारे प्राचीन शास्त्र प्रकाश पुंज की भाँति रोशनी  देते रहते हैं , वास्तु ऊर्जा का सम्बन्ध कर्म प्रधान जीवन शैली है बिना कर्म के फल प्राप्त नहीं होते । अच्छे कर्मों के पश्चात् भी जीवन उत्तम न बने तब वास्तुऊर्जा  का सहारा लेकर हम अपने जीवन को उत्तम बना सकते है पहले कारण होते है फिर परिणाम होते है । वास्तुशास्त्र के अनुसार परिवर्तन करवाना भी एक प्रकार का उत्तम कर्म माना जाता है ठीक वैसे ही जैसे ध्यान करना और  पूजापाठ करना ।



























Vaastu , Vaastu energy , Vastu Shastra